० मोल भाव करें क्योंकि प्रोपर्टी के रेट किसी अथोर्टी द्वारा तय नहीं होते
० सुनी सुनाई बातों पर गोर न करें क्योंकि आज कल लोग बिना पता किये ही सुन कर तय कर देते हैं कि वहां अच्छा है वहां बुरा है ,वहां के रेट ये हैं वो हैं,इस तरह से मन बनाकर न जाएँ नहीं तो कोई और फाएदा उठा लेगा
० डीलर बिल्डर आदि कि बातों पर आँख मूंद कर भरोसा न करें ये समझ लें कि आप उनके लिए उपभोक्ता हैं व आपसे फायदा लेना उनका काम
० सभी तरह के बिकल्पों पर सोच कर निर्णय लें ,डीलर के अलावा अपने रिश्तेदारों ,परिचितों दोस्तों आदि से भी राय लें वो भीइस मामले में अतियंत मददगार हों सकते हैं
० जल्दीबाजी में निर्णय न लें पहले होम वर्क कर लें आप वेब साईट पर चेक कर सकते हैं ,बहुत से डीलरों से मिल सकते हैं, लोकेशन पर जा सकते हैं आस पास के लोगों से बात कर सकते हैं
० पता कर लें कि जो प्रोपर्टी आपको पसंद है वो किसी प्रकार से विवादित तो नहीं ,उसका नक्शा उसके ढाँचे के अनुरूप है या नहीं इस बारे में जानकारी आप सम्बंधित विभाग से ले सकते हैं
० डीलर का कमीशन पहले से ही तय कर लें व उससे हर प्रकार के पैसों का विवरण लें जो वो मांग करता है उसका लिखित विवरण लें
० आप पहले ही तय कर लें कि आपको क्या चीजें आपको अपनी और से करनी है जसे क्या बिजली ,पानी का कनेक्सन लगा मिलेगा, पानी की मोटर ,किचन ,कमरों का वूड वर्क पंखे ,लाइटस आदि सभी छोटी बड़ी चीजों का पता कर लें
० आपने सभी पेपर वर्क का काम पूरा कर लें
० ये देख लें की आप जिस लोकेशन में घर चाहते हैं उसके आस पास की सुविधाओं को भी चेक कर लें मार्किट ,कन्वेंश आदि
० आस पड़ोस का भी पता कर लें क्योंकि ये जीवन भर का साथ हों सकते हैं
घर जीवन में एक अनमोल तोहफा है जिसे आम आदमी एक बार ही खरीदता है .जिससे आपकी खुशियाँ जुडी हैं इसलिए फेसला सोच समझ कर लें ..